Tuesday 13 December 2022

रायपुर : न्याय के चार साल : अबुझमाड़ अंचल में चल रहा है मसाहती सर्वे

अबुझमाड़ अंचल में चल रहा है मसाहती सर्व


मसाहती खसरा


नारायणपुर जिले 110 गावों का सर्वे पूर्ण: आजादी के बाद पहली बार  हो रहा
है सर्वेक्षण
जीवन में भरे खुशियों के रंग: 7 हजार 7 सौ से अधिक किसानों  को मिला मसाहती खसरा
समर्थन मूल्य पर लगभग 2200 किसान पहली बार बेचेंगे धानन्याय के चार साल

लगभग 4 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले अबुझमाड़ का क्षेत्र पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा हुआ है। अबुझमाड़ का क्षेत्र वर्तमान में नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा के अंतर्गत समाहित है। इस अंचल में जनजाति परिवार के लोग निवास करते हैं यह क्षेत्र लंबे समय से अलग-थलग रहा है। यहां भूमि का सर्वे आजादी के बाद से नहीं हो पाया था, जिसके कारण यहां निवास कर रहे आदिवासी किसानों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ सरकार ने अबुझमाड़ अंचल के किसानों की दिक्कत को समझते हुए यहां मसाहती सर्वे कराने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।

नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूूझमाड़ अंतर्गत बस्तर संभाग के जिला नारायणपुर, बीजापुर, तथा दंतेवाड़ा के लगभग 275 से अधिक असर्वेक्षित ग्राम स्थित हैं। इन ग्रामों का कोई भी शासकीय अभिलेख तैयार नहीं है। मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि अबूझमाड़ क्षेत्र के असर्वेक्षित ग्रामों में वर्षों से निवासरत लगभग 50 हजार से अधिक लोगों को उनके कब्जे में धारित भूमि का मसाहती खसरा एवं नक्शा उपलब्ध कराया जाएगा। इससे किसान परिवारों के पास उनके कब्जे की भूमि का शासकीय अभिलेख उपलब्ध हो सकेगा तथा वे अपने काबिज भूमि का अंतरण कर सकेंगे। इस प्रकार अबूझमाड़ क्षेत्र अंतर्गत लगभग 10 हजार किसानों को 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि का स्वामित्व प्राप्त होगा।न्याय के चार साल

नारायणपुर में 246 गांवों का होगा सर्वे

27 अगस्त 2019 को मंत्री परिषद के निर्णय के पालन में छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग द्वारा नारायणपुर जिले में मसाहती सर्वे के लिए 246 ग्रामों को अधिसूचित किया गया। इन गांवों में सम्पूर्ण ओरछा विकासखण्ड के 237 ग्राम तथा नारायणपुर विकासखण्ड के 9 ग्राम शामिल थे। अब तक नारायणपुर जिले के 110 ग्रामों का मसाहती सर्वे किया जा चुका है जिसमे से नारायणपुर विकासखण्ड के असर्वेक्षित 9 ग्रामांे का तथा ओरछा विकासखण्ड के 101 ग्रामों का सर्वे किया जा चुका है। अब तक 7 हजार 7 सौ से अधिक लोगों को मसाहती खसरा का वितरण किया जा चुका है।

किसानों को मिल रहा मालिकाना हक

अबुझमाड़ अंचल में बहुत से किसान वर्षों से वन क्षेत्रों के भीतर काबिज भूमि पर खेती करते आ रहे थे, लेकिन इस क्षेत्र में भूमि का सर्वें नहीं होने के कारण उनके पास भूमि संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं थे। जिसके कारण न तो कोई शासकीय योजना का लाभ ले पाते थे और न ही उन्हें खेती-किसानी के लिए बैंकों से ऋण मिल पाता था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ऐसे किसानों की तकलीफ को समझते हुए नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ अंचल में सर्वे का काम शुरू कराया और किसानों को मसाहती पट्टे दिए गए। इससे ऐसे किसानों को भूमि का मालिकाना हक मिल रहा है। अंचल के कई किसानों के जीवन में खुशियों के रंग भर गए हैं।

दो हजार से अधिक किसान बेचेंगे पहली बार धान

जिला प्रशासन नारायणपुर द्वारा जिले के अबुझमाड़ अंचल में सर्वे का काम किया जा रहा है। कई किसानों को मसाहती पट्टे का वितरण किया जा चुका है। चालू खरीफ सीजन में अबूझमाड़ के 2 हजार 193 किसानों ने मसाहती खसरा मिलने के बाद पहली बार धान बेचेंगे। ऐसे किसानों से मसाहती सर्वे के आधार पर शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। इससे किसानों को शासकीय योजनाओं के साथ-साथ अन्य लाभ भी मिलना शुरू हो गया है। इसके अंतर्गत 35 किसानों को 112.35 लाख रूपए के सोलर ड्यूल पंप दिए गए हैं, जिससे 87 एकड़ कृषि भूमि में सिंचाई का लाभ मिलेगा। साथ ही 493 प्रकरणों में केसीसी ऋण के माध्यम से 127.97 लाख रूपए और 1700 उद्यानिकी टूल कीट, बीज मिनी कीट भी वितरित किए गए हैं। इसी तरह इनमें 2731 हितग्राहियों को जाति प्रमाण पत्र, 1573 को निवासी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। मसाहती किसानों के अंतर्गत 249 किसानों के भूमि समतलीकरण किया जा रहा है, जिससे उनके सिंचाई और पशुओं के लिए शेड की सुविधा लाभ ले सकेंगे। साथ ही इन किसानों को 11370 किलोग्राम धान के, 536 किलोग्राम मसूर के और 470 किलोग्राम सरसों के बीज वितरित किए गए हैं।

पप्पु पोटाई ने पहली बार समर्थन मूल्य पर बेचा धान

ऐसे ही नारायणपुर जिले के ग्राम कदांड़ी के एक किसान है श्री पप्पू पोटाई, जिन्हें लगभग साढ़े तीन एकड़ भूमि का मसाहती खसरा दिया गया है। अब उन्हें जमीन का मालिकाना हक मिल गया है। मसाहती सर्वे से प्राप्त पटटा के आधार पर धान खरीदी केन्द्र में धान का विक्रय करने आये ग्राम कंदाड़ी के युवा आदिवासी किसान पप्पू पोटाई ने बताया कि लगभग साढ़े 3 एकड़ खेत में उसने इस बार धान की फसल लगायी थी। वह लगभग 32 क्विंटल धान का विक्रय करने आया था। उन्होंने बताया कि पूर्व वर्षों में भी वह धान की फसल लेता था, किन्तु सरकारी दस्तावेज नहीं होने के कारण वह समर्थन मूल्य पर धान बेच नहीं पाते थे। मजबूरी में उन्हें बिचौलियों को अपनी फसल आधी कीमत पर बेचनी पड़ती थी। मसाहती सर्वे के बाद उन्हें भूमि समतलीकरण और डबरी निर्माण के लिए भी सहायता मिली है।
किसान पप्पू पोटाई ने बताया कि उनके ग्राम के समीप ही धान खरीदी केन्द्र खुल जाने से आसपास के किसानों को काफी सुविधा हो रही है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत् उसके खेत में डबरी निर्माण व भूमि समतलीकरण का कार्य के साथ ही खाद एवं बीज भी दिया गया है। धान विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग खेत के चारों ओर फेनसिंग और बोर करवाना चाहता है, जिससे वह अलग-अलग फसल ले सकें।

Tuesday 26 April 2022

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शिक्षाविद स्वर्गीय श्री बसंत शर्मा की प्रतिमा का किया अनावरण

 

स्वर्गीय श्री बसंत शर्मा को याद करते हुए भावुक हुए मुख्यमंत्री: रूंधे गले से कहा - हमने एक सच्चे साथी को खो दिया

 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर में डीएलएस कॉलेज परिसर में शिक्षाविद एवं समाजसेवी स्वर्गीय श्री बसंत शर्मा की प्रतिमा का अनावरण किया। स्वर्गीय श्री शर्मा ने लगभग 25 बरस पूर्व निजी क्षेत्र में डीएलएस कॉलेज की स्थापना की थी। कॉलेज में निम्न आय समूह के लगभग 2 हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। श्री शर्मा का लगभग 55 बरस की उम्र में आज ही के दिन एक साल पूर्व असामयिक निधन हो गया था। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कॉलेज परिसर में स्वर्गीय श्री बसंत शर्मा की आदमकद प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री बघेल श्रद्धांजलि सभा मंे स्वर्गीय श्री बसंत शर्मा को याद करते हुए अत्यंत भावुक हो गए। उनके साथ बिताये पलों को स्मरण करते हुए उनकी आंखें नम हो गई। श्री बघेल ने रूंधे गले से कहा - हमने एक सच्चे साथी को खो दिया। इस अवसर पर बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री एवं राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि सिंह, विधायक श्री शैलेष पांडेय, महापौर बिलासपुर श्री रामशरण यादव, छत्तीसगढ़ राज्य पर्यटन बोर्ड के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुरेंद्र शर्मा, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, नगर निगम रायपुर के सभापति श्री प्रमोद दुबे सहित सर्वश्री विजय केशरवानी एवं विजय पांडेय उपस्थित भी थे। कवि श्री मीर अली मीर ने कार्यक्रम का संचालन किया।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में कहा कि स्वर्गीय श्री बसंत शर्मा सहज, सरल एवं प्रगतिशील व्यक्तित्व के धनी थे। वे अपने विचारों पर अडिग रहने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि यह बेहद भावुक क्षण है। कोरोना महामारी ने हम सभी को बहुत नुकसान पहंुचाया है। स्वर्गीय श्री शर्मा को बिलासपुर के लोगों से बहुत लगाव था। राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि स्वर्गीय श्री बसंत शर्मा ने समाज और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। बिलासपुर क्षेत्र के विकास में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

कार्यक्रम में श्री संजय शर्मा ने स्वर्गीय श्री बसंत शर्मा का जीवन परिचय दिया। उन्होंने बताया कि स्वर्गीय श्री बसंत शर्मा का जन्म 4 मई 1965 को कटघोरा में हुआ। स्वर्गीय श्री बसंत शर्मा जी द्वारा अपने पिता स्वर्गीय श्री दशरथ लाल शर्मा जी के नाम पर वर्ष 1997 में डी.एल.एस. महाविद्यालय की स्थापना की। वे समाजिक, राजनैतिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में सदैव सक्रिय रहे। ऐसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी सक्रिय स्वर्गीय श्री शर्मा को कोविड-19 ने 25 अप्रैल 2021 को हमसे छीन लिया। मात्र 4 कमरों एवं 200 विद्यार्थियों से प्रारंभ की गई संस्था आज 5 एकड़ में फैला सर्वसुविधा युक्त स्नात्कोत्तर महाविद्यालय का रूप ले चुका है, जहां 2000 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं एवं लगभग 100 अध्यापक एवं कर्मचारी कार्यरत् है। वे 1994 से 1999 तक, 2004 से 2009 तक पार्षद रहे। 21 संस्थाओं के अध्यक्ष भी रहे।

कार्यक्रम में उनकी प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार श्री परवेज आलम को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सम्मानित किया। इसके अलावा महाविद्यालय की दो छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया। कार्यक्रम में संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग, आईजी श्री रतनलाल डांगी, कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारूल माथुर, श्री अभय नारायण राय, महाविद्यालय के शासी निकाय के सदस्य श्रीमती निशा बंसत शर्मा, प्राचार्य डॉ. रंजना चतुर्वेदी, शासी निकाय के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री पार्थ शर्मा सहित, महाविद्यालयीन परिवार के सदस्य उपस्थित थे।



Wednesday 13 April 2022

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह से मुलाकात

नक्सल प्रभावित जिलों को दिए जाने वाली विशेष सहायता राशि फिर से शुरू करने का किया आग्रह
श्री बघेल ने राज्य को दी जाने वाला जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी रखने का किया अनुरोध
केंद्रीय गृहमंत्री ने नक्सल मोर्चे पर छत्तीसगढ़ को हरसंभव मदद का दिया आश्वासन

रायपुर - छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान मुख्य रूप से जीएसटी प्रणाली से राज्य के संसाधनों पर हुए असर तथा नक्सल समस्या से जुड़े नीतिगत विषयों पर गृहमंत्री से विस्तार से चर्चा हुई। इसके साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार सुविधा बढ़ाने, बस्तर में सीआरपीएफ की दो और बटालियन की तैनाती, बस्तरिया बटालियन के गठन सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। जिस पर केंद्रीय गृह मंत्री ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ के 7 नक्सल प्रभावित जिलों को दिए जाने वाली विशेष सहायता राशि को फिर से शुरू करने का आग्रह किया है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी उठाया। श्री बघेल ने कहा कि राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद करने पर राज्य की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ेगा। नक्सल प्रभावित राज्यों में विकास कार्य के लिए राशि नहीं मिलेगी तो इसका काफी असर पड़ेगा। इस पर भी सहानुभूति पूर्वक विचार का आग्रह किया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि बस्तर अंचल में लौह अयस्क प्रचुरता से उपलब्ध है। यदि बस्तर में स्थापित होने वाले स्टील प्लांट्स को 30 प्रतिशत डिस्काउन्ट पर लौह अयस्क उपलब्ध कराया जाए, तो वहां सैकड़ों करोड़ का निवेश तथा हजारों की संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर निर्मित होंगे। उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक क्षेत्रों के कारण बड़े भाग में अभी तक ग्रिड की बिजली नहीं पहुंच पाई है। सौर उर्जा संयंत्रों की बड़ी संख्या में स्थापना से ही आमजन की उर्जा आवश्यकता की पूर्ति तथा उनका आर्थिक विकास संभव है।

मुख्यमंत्री ने वनांचलों में लघु वनोपज, वन औषधियां तथा अनेक प्रकार की उद्यानिकी फसलों के प्रसंस्करण एवं विक्रय की व्यवस्था के लिए कोल्ड चेन निर्मित करने अनुदान दिये जाने का आग्रह किया।

बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नक्सल प्रभावित ज़िलों के विकास से जुड़े मुद्दों रखे। इस दौरान उन्होंने आजीविका विकास, नक्सल क्षेत्रों में बैंकों, सड़कें, आधारभूत संरचना के विकास संबंधी मुद्दों पर भी अपनी बात रखी।

इस बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू और पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा भी शामिल रहे।

मुलाकात के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने सुझावों और आग्रह पर गंभीरता पूर्वक विचार कर मांगों को पूरी करने का आश्वासन दिया है।

Saturday 12 March 2022

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के बजट से सभी वर्गों को लाभ दिलाने का प्रयास : श्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के किसानों और मजदूरों के हित में यदि हमें कर्ज लेना पड़े तो हम लेंगे राज्य को मिलने वाले केन्द्रीय कर और अनुदान का हिस्सा लगातार हो रहा कम
लाखों अधिकारियों-कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने लागू की गई पुरानी पेंशन योजना
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा का दिया जवाब
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि बजट का लाभ सभी वर्गों को मिले। गरीबों के जीवन स्तर में बदलाव आए। सभी को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अच्छे अवसर मिले। गरीबों, आदिवासियों और आम लोगों की जेब में सीधे पैसा जाए और उनके जीवन में बदलाव आए। उन्होंने कहा कि बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। लोगों को राशन, बिजली, किसानों को निःशुल्क बिजली की व्यवस्था, किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना और भूमिहीन कृषि मजदूरों को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के माध्यम से सहायता दी जा रही हैं। लाखों अधिकारियों-कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों और मजदूरों के हित में यदि हमें कर्ज लेना पड़े तो हम लेंगे, इनको धोखा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों से किया गया वादा निभाया है। किसानों को धान का 2500 रूपए क्विंटल देने का वादा किया था। लगातार इसे रोकने की कोशिश की गई। लेकिन हमने कहा कि इससे एक रूपए भी कम नहीं होगा। हमने अपना वादा निभाया।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि सदन में पूरे बजट के दौरान एक बार भी हमारे सदन के सदस्यों ने टोका-टाकी नहीं की, यह इस बजट की सफलता है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने खराब गुणवत्ता की इतनी पतली सड़क बनाई की तीन साल में ही उखड़ गई। उस समय छत्तीसगढ़ नक्सलगढ़ के नाम से जाना जाता था, लेकिन आज नक्सल घटनाओं में कमी आई है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष से कहा कि आपने बोनस नहीं दिया और अब हमें कहते हैं कि बोनस दो। पहले केन्द्रीय योजनाओं में केन्द्र का हिस्सा 90 प्रतिशत होता था। बाद में यह 60 प्रतिशत और वर्तमान में राज्य और केन्द्र का हिस्सा 50-50 प्रतिशत हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों की कर्जमाफी की, 25 सौ में धान खरीदा, आज किसान अपने पसंद का मकान बना रहे हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय गुणवत्ता परीक्षकों के माध्यम से पिछले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ में निर्मित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों का परीक्षण करवाया गया, जिसमें 99.75 प्रतिशत कार्य संतोषप्रद पाया गया। छत्तीसगढ़ सड़क निर्माण में 85 प्रतिशत उपलब्धि के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। इसके लिए भारत सरकार ने 221 करोड़ रूपए का पुरस्कार छत्तीसगढ़ को प्रदान किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में 6000 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत की निविदा जारी की गई है, 3342 किलोमीटर की स्वीकृति जारी की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार छत्तीसगढ़ को अनुदान और केन्द्रीय करों में हिस्सा कम दे रही है। जबकि हम राज्य के राजस्व में लगातार वृद्धि कर रहे है। ऐसा पहली बार हुआ है कि केन्द्रीय कर अनुदान और छत्तीसगढ़ का राजस्व बराबर है। छत्तीसगढ़ का राजस्व 44 हजार 500 करोड़ रूपए और केन्द्रीय कर अनुदान भी 44 हजार 500 करोड़ रूपए है। उन्होंने जीएसडीपी के संबंध में कहा कि वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ का जीएसडीपी 11.54 जबकि केन्द्र का 9.2 प्रतिशत रहा। वर्ष 2020-21 में जब कोरोना पीक पर था, केन्द्र का जीएसडीपी माईनस 7.7 था। उस समय छत्तीसगढ़ में इसे 1.7 में रोकने में सफलता पायी। छत्तीसगढ़ ने उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक से कम ऋण लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के 15 साल में 4 मेडिकल कॉलेज प्रारंभ हुए। हमारे तीन वर्ष में कोरबा, कांकेर, महासमुंद मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली और दुर्ग के निजी मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया गया। राज्य में कुपोषण में कमी आई है। हम बीपीएल और एपीएल परिवारों को 35 किलो प्रति परिवार चावल दे रहे हैं। राज्य सरकार 68 लाख कार्डधारियों को राशन दे रही है। इस बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। राज्य सरकार नौकरी दे रही है, इसलिए हमारा स्थापना व्यय बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना से पशुपालन और डेयरी के व्यवसाय के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है, खेत की सुरक्षा हो रही है। प्रधानमंत्री ने भी छत्तीसगढ़ में किए गए गोबर से नवोन्वेष को पूरे देश में लागू करने की बात कही है। केन्द्र सरकार और लोकसभा का दल छत्तीसगढ़ की इस योजना के अध्ययन के लिए आ रही है। उन्होंने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष हिन्दी माध्यम के 32 स्वामी आत्मानंद स्कूल प्रारंभ किए जाएंगे। हमारी कोशिश होगी कि हर जिले में कम से कम ऐसा एक स्कूल प्रारंभ हो। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में बस्तर और सरगुजा में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हुई हैं। वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों सहित चिकित्सा उपकरणों और सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शराब और गांजे की अवैध तस्करी रोकने का काम किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत भू-भाग में वन है। हमारी कोशिश है कि वनों में रहने वाले लोगों के जीवन में परिवर्तन आए। इन क्षेत्रों में वन अधिकार पट्टों का वितरण किया गया है। वहीं कोरोनाकाल में भी लघुवनोेपजों की खरीदी की गई है। छत्तीसगढ़ ऐसा अकेला राज्य है जहां कोदो-कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। लाख पालन और मछलीपालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। हमारी कोशिश है कि लोगों की आय बढ़े, उनके जीवन स्तर में बदलाव आए, कुपोषण खत्म हो और लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय कमलविहार जैसी आवासीय योजनाएं प्रारंभ की गई, नई राजधानी बनाई गयी, लेकिन लोग वहां नहीं बस रहे हैं। इन योजनाओं के लिए आपने कर्ज लिया जिसे हम पटा रहे हैं।

Friday 11 March 2022

रायपुर : कोविड-19 संक्रमण में योग की भूमिका विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार 12 मार्च को

 मंत्री श्रीमती भेंड़िया करेंगी शुभारंभ

महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया नगर निगम रायपुर के सभागार में 12 मार्च को सुबह 11 बजे कोविड-19 संक्रमण में योग की भूमिका विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेवीनार का शुभारंभ करेंगी। कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ योग आयोग द्वारा किया जा रहा है।

इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे एवं छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा और योग आयोग के सदस्यगण शामिल होंगे।

      कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. आनंद बालायोगी, संचालक (सेंटर फॉर योग थेरेपी, एजुकेशन एंड रिसर्च), डॉ. श्रीमती रीमा दादा, प्रोफेसर एम्स नई दिल्ली, श्रीमती अरूणा झा, इंटरनेशनल योग ट्रेनर, डॉ. राघवेन्द्र राव, संचालक, आयुष विभाग नई दिल्ली, डॉ. शिर्ली टेलीस, संचालक, पतंजलि रिसर्च फाउण्डेशन हरिद्वार रहेंगे। सभी प्रतिभागियों को छत्तीसगढ़ योग

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