मानसून / होशंगाबाद में छह घंटे में 4.7 इंच; खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र से राज्य में झमाझम बारिश
- रायसेन के सिलवानी में 116 मिमी बारिश दर्ज की गई है, 19 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
- होशंगाबाद में हुई भारी बारिश के बाद कालोनियों में घुसा पानी, लाेगों को आई दिक्कत
भोपाल. राज्य के कई हिस्सों में बीते 24 घंटों के दौरान बारिश हुई तो मंगलवार को सुबह से आसमान पर बादल छाए हुए हैं। इधर, होशंगाबाद में छह घंटे में 4.7 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहां अब भी रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। रात में हुई बारिश के कारण कालोनियों में पानी घुस गया।
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने कम दवाब के क्षेत्र से राज्य में बारिश हो रही है। राजधानी भोपाल में सुबह से बादल छाए हुए हैं और रिमझिम बारिश का दौर सुबह से ही जारी है। मौसम विभाग ने 19 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि, आगामी 24 घंटों में राज्य के 19 जिलों में भारी बारिश हो सकती है, वहीं कुछ हिस्सों में बौछारें पड़ सकती हैं। राज्य में बारिश होने से तापमान में गिरावट आई है। मंगलवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 22.7, ग्वालियर का 26 और जबलपुर का न्यूनतम तापमान 25 सेल्सियस दर्ज किया गया।
होशंगाबाद और रायसेन में झमाझम बारिश : मौसम विभाग ने 19 जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई है। इसमें अशोकनगर, बढ़वानी, धार, गुना, हरदा, होशंगाबाद, खंडवा, खरगोन, रायसेन, रतलाम, विदिशा, अनूपपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर और सिवनी जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना जताई है।
इधर, रात में होशंगाबाद में 114 मिमी, रायसेन जिले के सिलवानी में 116.4 मिमी, अनूपपुर 66.8 मिमी और बालाघाट में 89.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
प्रदेश में बारिश कराने के चार कारण
- पहला कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में बना हुआ है साथ ही साथ हवा के ऊपरी भाग में से 7 पॉइंट 6 किलोमीटर की ऊंचाई तक हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना है।
- दूसरा मानसून ट्रफ मीन सी लेवल पर जैसलमेर बूंदी गुना उमरिया डाल्टनगंज बांकुरा से बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है जो हवा के ऊपरी भाग में 900 मीटर की ऊंचाई तक है।
- तीसरा हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश और उसके आसपास के इलाके में 900 मीटर की ऊंचाई पर बना है।
- चौथा पूर्वी मध्य प्रदेश और उसके आसपास के इलाके में हवा की ऊपरी भाग में 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक ऊपरी हवा का घेरा बना हुआ है।
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