प्रदेश सरकार एक अप्रैल 2020 से सभी आंगनबाड़ियों में पोषण आहार के तौर पर बच्चों को अंडे बांटेगी। एक से छह साल तक के करीब 10 लाख बच्चों और गर्भवती-गर्भधात्री महिलाओं को हफ्ते में तीन दिन अंडे दिए जाएंगे। जो भी बच्चा या महिला अंडा नहीं खाना चाहती, उन्हें एक अंडे की कीमत के फल दिए जाएंगे। राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को प्रशासकीय मंजूरी दे दी है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की इस योजना पर सालाना 113 करोड़ रुपए खर्च होंगे। विभाग अब बजट के लिए फाइल वित्त विभाग को भेजेगा।उल्लेखनीय है कि भाजपा ने आंगनबाड़ियों में अंडा बांटने जाने का विरोध किया है, जिसके बाद से यह प्रस्ताव सरकार के पास अटका हुआ था।
विभाग यह प्रयास कर रहा है कि मप्र से ही अंडा लिया जाए। इसके लिए जोन बनाए जा सकते हैं, ताकि ताजा अंडा आंगनबाड़ियों तक तुरंत पहुंच जाए। वेंडर के लिए अलग से ड्राफ्ट तैयार होगा।
मंगलवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने अधिकारियों से कहा है कि वे दूसरे राज्यों में अंडा सप्लाई की क्या व्यवस्था, इसका जल्द से जल्द अध्ययन कर ड्राफ्ट तैयार करें। अगले सप्ताह तक लॉजिस्टिक (अंडे के परिवहन और भंडारण के साथ सप्लाई) को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
No comments:
Post a Comment